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  आपका शरीर कैसे काम करता है। जब सेक्स की बात आती है तो हर कोई अलग-अलग चीजें पसंद करता है, इसलिए इस बारे में चिंता न करें कि आप "सामान्य" हैं या नहीं।  लोग सेक्स कैसे करते हैं?  सेक्स एक आकार सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। हो सकता है कि जो आपको अच्छा लगे वह किसी और के लिए सही न हो। जब यौन व्यवहार और इच्छाओं की बा त आती है तो हर कोई अलग होता है, लेकिन यहां कुछ सामान्य प्रकार की यौन गतिविधियां हैं: 1.अकेले या साथी के साथ हस्तमैथुन करना  2.मौखिक, योनि और गुदा मैथुन  3.चुंबन 4.अपने शरीर को एक साथ रगड़ना 5.सेक्स टॉयज का इस्तेमाल करना  6.फोन सेक्स या "सेक्सटिंग"  7.पोर्न पढ़ना या देखना  लोग अलग-अलग चीजों से आकर्षित होते हैं, इसलिए आपको क्या पसंद है या क्या नहीं, इस बारे में संवाद करने से आपके साथी को पता चलता है कि क्या ठीक है और क्या बंद है।  क्या सेक्स आपके लिए अच्छा है?  एक स्वस्थ यौन जीवन आपके लिए भावनात्मक और शारीरिक रूप से दोनों के लिए अच्छा है। सेक्स आपको किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध बनाने में मदद कर सकता है, और यौन सुख के बहुत सारे ...

what is Weak Bone in Hindi (कमज़ोर हड्डी कैसी होती है)

कमजोर हड्डी

दुर्घटना की स्थिति में आजकल हड्डियों के टूटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। दुर्घटना की ही भांति अब हड्डियों का टूटना भी सामान्य बात है। सड़क, सीढ़ी, स्नानघर एवं मशीनों में ऐसी घटनाएं ज्यादा घटती हैं। खराब सड़कें, तीव्रगामी गाडिय़ां, आपाधापी, आगे बढऩे की होड़, आधुनिक या काई या साबुन झाग जमे स्नानघरों के कारण ऐसी पहुंचाने वाली घटनाएं घटती हैं। इनके घायल होने या इनको चोट पहुंचने की स्थिति में हड्डियों में सामान्य फ्रेक्चर या संयुक्त फ्रेक्चर होता है।






किस तरह होता है फ्रेक्चर:- 

सामान्य फ्रेक्चर की स्थिति में बाहरी त्वचा पर कोई घाव नहीं होता। हड्डी भी सीधी या आड़ी टूट जाती है। इसका उपचार सरल होता है जबकि संयुक्त फ्रेक्चर की स्थिति में एक या अधिक हड्डियां बुरी तरह टूट जाती हैं। इसमें भीतर से बाहर की ओर या बाहर से भीतर से की ओर घाव भी होता है। यह स्थिति जोखिम पूर्ण मानी जाती है। इसमें खून के ज्यादा बहने या घाव के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। जटिल आपरेशन के बाद यह ठीक होता है। पसली, जांघ या कूल्हे की हड्डी में चोट पहुंचने पर यह नौबत आती है। तब गहरा घाव होता है और रक्त क्षति होती है। इससे चोट वाले स्थान के आसपास की अंग तंत्रिकाएं और रक्त वाहिकाएं भी प्रभावित होती हैं। सिर पर चोट पहुंचने की स्थिति में मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है जबकि पसली के टूटने पर फेफेड़ों, स्पाइनल बोन और स्पाइनल कार्ड को चोट लग सकती है।



हड्डियां क्या हैं:-

मनुष्य के शरीर में सामान्यत: 206 हड्डियां होती हैं जिनके आधार पर शरीर का ढांचा खड़ा होता है। शरीर की मजबूती के लिए हड्डियों का मजबूत होना जरूरी होता है। मां के गर्भ में भू्रण के विकसित होने के साथ उसमें हड्डियों का बनना प्रारंभ हो जाता है। इन हड्डियों में कैल्शियम, फास्फोरस आदि जैसे खनिज तत्व होते हैं जो पेट के भीतर भू्रण को मां के माध्यम से मिलते हैं। विटामिन डी इसके लिए महत्त्वपूर्ण होता है। यह सब नवजात शिशु को मां के दूध से एवं बाद में बाहरी भोजन से प्राप्त होता है। सबको अपना हड्डियों का ढांचा मूल स्वरूप वंशानुगत रूप से माता-पिता से मिलता है। 


इसी के आधार पर उसका कद काठी एवं ऊंचाई निर्धारित होती है। हमें दैनिक कैल्शियम, फास्फोरस आदि खनिज तत्वों की जरूरत पड़ती है जो भोजन से मिलते हैं जबकि विटामिन डी अत्यल्प मात्रा में भोजन से एवं सूर्य प्रकाश से अधिक मात्रा में मिलता है।


 इसी विटामिन डी के माध्यम से शरीर भोजन से इन तत्वों को प्राप्त करता है जो हड्डियों तक पहुंचकर उन्हें लगातार मजबूत बनाए रखता है। हमारी हड्डियां 4० वर्ष की आयु तक पूर्ण मजबूत रहती हैं। उसके बाद मेनोपॉज अर्थात् रजोनिवृत्ति के कारण स्त्रियों की हड्डियां कमजोर होती हैं जबकि धूम्रपान एवं अधिक मीठे का सेवन करने तथा हृदय रोगियों को बीटा ब्लाकर दवा के कारण हड्डियां निर्बल होने लगती है।


 पोषक आहार एवं धूप की कमी से भी हड्डियां कमजोर हो जाती है। बचपन में हड्डियां पतली व लचीली होती हैं जो टूटने पर जल्दी ठीक हो जाती हैं जबकि अधिक आयु में चोट पहुंचने से हड्डी टूटने पर उसके जुडऩे एवं ठीक होने की गति अत्यंत धीमी होती है।



बचाव उपाय:-
हड्डियों की मजबूती के लिए धूम्रपान न करें। शक्कर से बनी या मीठी वस्तुएं, कोल्ड ड्रिंक्स आदि अत्यंत कम उपयोग करें। दैनिक आहार फल, फूल, सब्जी, दूध, दही वाला पौष्टिक हो। चोट की स्थिति में पीडि़त को सावधानी से तत्काल अस्पताल पहुंचाएं। डॉक्टर घाव को देख एवं एक्सरे की रिपोर्ट के आधार पर इलाज करते हैं। आजकल साधारण एवं संयुक्त फ्रेक्चर के इलाज हेतु अनेक आधुनिक, चिकित्सा विधियां विकसित हो चुकी हैं। इसके इलाज एवं ठीक होने में पीडि़त की उम्र उसकी चोट की स्थिति के अनुसार न्यूनतम एक माह से तीन माह तक का समय लग जाता है। अधिक आयु के व्यक्ति को इलाज लाभ के बाद आगे अपनी जिंदगी को सावधानी पूर्ण बिताना चाहिए।



आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत अनदेखी करते है। सेहत से जुड़ी छोटी से छोटी परेशानी को तो नजरअंदाज कर दिया जाता है। जिससे कुछ समय बाद ये चोटी बड़ी परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है। कई बार इंसान अंदरूनी चोट की तरफ ध्यान नहीं दे पाता। जैसे हाथ-पैर या शरीर के किसी हिस्से पर फैक्चर होने पर इसकी दर्द बहुत समय तक ठीक नहीं होती। इसका कारण शरीर के उस हिस्से को पूरा आराम न दे पाना है। आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो इन उपायों को अपना कर सूजन और दर्द से राहत पा सकते हैं। 



1. शहद और चूना


इन दोनों में कुदरती रूप से ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो चोट की दर्द और सूजन को खत्म कर देते हैं। जिस जगह पर अंदरूनी चोट की दर्द या सूजन है, वहां पर शहद लगाकर थोड़ा-सा खाने वाला चूना लगा दें। इससे थोड़ी सी गर्माहट लगेगी लेकीन दर्द से राहत मिलेगी। 


2. हल्दी और प्याज



हल्दी बहुत अच्छा कुदरती एंटीसैप्टिक है। इससे किसी भी तरह की दर्द से छुटकारा मिलता है। किसी पुरानी चोट से परेशान हैं तो प्याज का रस, हल्दी और सरसों का तेल डालकर पहले गर्म कर लें। जब यह उबल जाए तो गुनगुना होने पर इसे चोट वाली जगह पर लगाकर बांध लें। रात भर बांधकर रखें। इससे राहत मिलेगी। 


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